DEVIL'S BIBLE , codex gigas
आज हम आपको एक ऐसी किताब के बारे में बताने वाले हैं जो शैतान द्वारा लिखीं गई है । जी हा बिल्कुल एक ऐसी किताब जिसे डेविल ने लिखा और वो भी सिर्फ एक रात में!! जानकर चौंक गए ना, तो आइये दोस्तों अब हम जानते हैं, इसके पीछे का रहस्य। की आख़िर क्या वजह थी की ख़ुद डेविल ने यह किताब लिखी ।आज में जिस किताब की बात करने वाला हूं उस किताब का नाम है “कोडेक्स गिगास”.जिसे शैतान की बाइबल भी कहा जाता है। Codex Gigas के रहस्य को जानकर खुद वैज्ञानिक भी हैरान हैं।इस किताब को 13 वी शताब्दी में बोहेमिया में बनाया गया था। इस किताब की खास बात यह है कि ये किताब 160 प्रकार के चमड़े के उपर लिखीं गई है। आखिर ये कैसे मुमकिन है? ये करना इंसान के बस की बात नहीं है। और वो भी उस वक्त जब कोई प्रसाधन नहीं थे। ये किताब देखने भी काफ़ी बड़ी है। कोडेक्स गिगास का वजन करीब 74.8 किलोग्राम हैं। इसे उठाने के लिए कम से कम दो लोगों की जरूर पडती है।1877 में Codex Gigas को स्टोकहोम स्वीडन के राष्ट्रीय पुस्तकालय में संग्रहित किया ग या है। इसे दुनिया में सबसे बड़ा मौजूदा मध्ययुगीन प्रकाशित पांडुलिपि, 92 सेमी की लंबाई में है। शैतान के बहुत ही असामान्य पूर्ण-पृष्ठ चित्र और इसकी रचना के कारण इसे बेहद ही अजीब माना जाता है। 16 वीं शताब्दी के अंत में, कोडेक्स को हैब्सबर्ग शासक रूडोल्फ II के संग्रह में शामिल किया गया था। तीस साल के युद्ध (1648) के अंत में प्राग के स्वीडिश घेराबंदी के दौरान, पांडुलिपि को युद्ध लूट के रूप में लिया गया और स्टॉकहोम में स्थानांतरित कर दिया गया।इस किताब को किसने लिखा था? और क्यों?
पौराणिक कथा के अनुसार इस पांडुलिपि को शैतान के साथ ऐक समझोते से बनाई गई थीं। यही वजह है कि इस किताब को शैतान की बाइबल कहा जाता है।
हुआ यूं था कि हरमन द रिक्ल्यूज नामक एक भिक्षु को इसे बनाने का आदेश दिया गया है। क्योंकि मठ वालों ने मठ की प्रतिज्ञा को तोडने के लिए हरमन को मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन उसने कहा कि मुझसे गलती हो गई और इतनी बड़ी सजा तुम नहीं दे सकते। तो मठाधीशों ने ये फैसला किया कि इसे पांडुलिपि की किताब लिखने को दी जाए और वो भी एक ही दिन में। लेकिन एक दिन में पूरी किताब लिखना असंभव है। और मठवालों ने ये भी कहा कि अगर भिक्षु ये नहीं कर पाता तो उसे मौत की सजा मिलेगी। वह भिक्षु काला जादू जानता था । इसलिए निराश होकर भिक्षु ने शैतान का आह्वान किया और शैतान को बुलाया। शैतान जब प्रगट हुआ तो उसने कहा कि क्या चाहीये बोलों, तुम्हारी जो भी इच्छा होगी वो में पूरी करुंगा लेकिन बदले में मुझे तुम्हारी आत्मा चाहिए। भिक्षु ने हाँ कहकर शैतान से समझोता कर लिया। फिर उसके बाद उसी रात में शैतान ने पूरी किताब जानवर के खाल से बने पतों पर लिख दी। उसके बाद सुबह भिक्षु ने उस किताब को मठवालों को दे दी। वो लोग समज नहीं पाए कि कैसे भिक्षु ने एक ही रात में ये किताब लिख दी। लेकिन उस दिन के बाद भिक्षु को सजा से मुक्ति मिल गई। इस किताब में शैतान के कई चित्रों को चित्रित किया गया है। इस किताब में भूत प्रेत, काला जादू , और बहुत सी ऐसी विदिया जिनको अब समझ पाना मुश्किल ह।
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